Gold Rate Today: कई महीनों तक लगातार बढ़ने के बाद सोना और चांदी की कीमतों में अचानक तेज गिरावट देखने को मिली है। 21 जून 2025 को सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में 450 से 580 रुपये तक की कमी दर्ज की गई है। यह गिरावट उन लोगों के लिए राहत की खबर है जो लंबे समय से बढ़ती कीमतों के कारण सोना खरीदने से झिझक रहे थे। वाराणसी के सर्राफा बाजार में यह गिरावट सबसे पहले देखी गई और फिर यह पूरे देश में फैल गई।
इस अचानक आई गिरावट ने बाजार विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया है। पिछले कुछ सप्ताहों से सोने की कीमतें लगातार नई ऊंचाई छू रही थीं और निवेशक इसमें निरंतर वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन बाजार की अप्रत्याशित प्रकृति एक बार फिर सामने आई है। यह स्थिति दिखाती है कि कीमती धातुओं का बाजार कितना अस्थिर हो सकता है।
24 कैरेट सोने में सबसे अधिक गिरावट
सबसे शुद्ध माने जाने वाले 24 कैरेट सोने की कीमतों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई है। 20 जून को जहां इसकी कीमत 101,210 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, वहीं 21 जून को यह 580 रुपये घटकर 100,630 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। यह गिरावट खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो शादी-विवाह या त्योहारों के लिए सोना खरीदने की योजना बना रहे थे। 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध रूप माना जाता है और इसकी मांग हमेशा अधिक रहती है।
इस गिरावट का मतलब यह भी है कि जिन लोगों ने हाल ही में सोना खरीदा था, उन्हें अस्थायी नुकसान हो सकता है। लेकिन सोना एक दीर्घकालिक निवेश है और समय के साथ इसकी कीमतें फिर से बढ़ने की संभावना रहती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशकों को अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराने की जरूरत नहीं है।
22 कैरेट और 18 कैरेट सोने की स्थिति
22 कैरेट सोने की कीमतों में भी उल्लेखनीय कमी आई है। इसकी कीमत 550 रुपये घटकर 92,250 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो पहले 92,800 रुपये थी। 22 कैरेट सोना आमतौर पर गहने बनाने के लिए इस्तेमाल होता है क्योंकि इसमें मजबूती और चमक दोनों होती है। इस श्रेणी में गिरावट का मतलब है कि गहने की खरीदारी अब सस्ती हो गई है।
18 कैरेट सोने की कीमत में 450 रुपये की कमी के साथ यह 75,480 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। यह सोना उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो कम बजट में सोना खरीदना चाहते हैं। 18 कैरेट सोना कम शुद्ध होता है लेकिन फिर भी एक अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है। इसकी कीमत में आई गिरावट मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
चांदी की कीमतों में भारी गिरावट
चांदी की कीमतों में सोने से भी अधिक गिरावट देखी गई है। 2,000 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी के साथ चांदी की कीमत 1,10,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। 20 जून को यह 1,12,000 रुपये प्रति किलोग्राम थी। चांदी की यह गिरावट विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है जो कम पूंजी में कीमती धातुओं में निवेश करना चाहते हैं।
चांदी का बाजार सोने से भी अधिक अस्थिर होता है और इसमें तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। पिछले कुछ दिनों में चांदी की कीमतें 1,11,000 से 1,12,000 रुपये के बीच घूम रही थीं, लेकिन अब यह 1,10,000 रुपये तक आ गई है। यह गिरावट छोटे निवेशकों और सिक्का संग्रहकर्ताओं के लिए एक अच्छा अवसर हो सकती है।
बाजार विशेषज्ञों की राय और भविष्य की संभावनाएं
सर्राफा एसोसिएशन के विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और आने वाले समय में कीमतों में और भी कमी आ सकती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजार की स्थिति और स्थानीय मांग-आपूर्ति के कारण यह गिरावट आई है। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और ब्याज दरों में बदलाव भी इस गिरावट के कारण हो सकते हैं।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट खरीदारी का अच्छा समय है। त्योहारी सीजन आने वाला है और इस समय सोना-चांदी खरीदना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की स्थिति को समझकर ही निवेश का फैसला लें।
खरीदारों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
जो लोग इस समय सोना खरीदने की सोच रहे हैं, उन्हें कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले सोने की शुद्धता की जांच करना जरूरी है, जो कैरेट में मापी जाती है। 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है लेकिन गहने के लिए 22 कैरेट अधिक उपयुक्त होता है। खरीदारी करते समय हॉलमार्क की जांच करना भी अनिवार्य है।
इसके अलावा, खरीदारों को सलाह दी जाती है कि वे एक साथ बड़ी मात्रा में सोना न खरीदें बल्कि चरणों में खरीदारी करें। इससे बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हो जाता है। सोना खरीदते समय मेकिंग चार्ज और अन्य शुल्कों की भी जानकारी लेना जरूरी है ताकि कुल लागत का सही अनुमान लगाया जा सके।
कीमतों में और गिरावट की संभावना
बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में सोना और चांदी की कीमतों में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है। यह अनुमान वैश्विक आर्थिक स्थिति और मुद्रा बाजार के रुझान पर आधारित है। अगर यह गिरावट जारी रहती है तो यह खरीदारों के लिए और भी बेहतर अवसर हो सकता है।
हालांकि, यह भी याद रखना जरूरी है कि कीमती धातुओं का बाजार अप्रत्याशित होता है और कीमतें अचानक से फिर बढ़ भी सकती हैं। इसलिए जो लोग खरीदारी की योजना बना रहे हैं, उन्हें जल्दी निर्णय लेना चाहिए लेकिन समझदारी से खरीदारी करनी चाहिए।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। सोना और चांदी की कीमतें बाजार की परिस्थितियों के अनुसार घटती-बढ़ती रहती हैं। निवेश से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेना उचित होगा। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।