Gold Rate: आज के समय में सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। यह महंगाई का दौर न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। वर्ष 2025 के पहले छह महीनों में ही सोने की कीमतों में इतनी तेजी आई है कि विशेषज्ञ भी हैरान रह गए हैं। यह स्थिति आम जनता के लिए चिंता का विषय बन गई है क्योंकि त्योहारी सीजन और शादी-विवाह के अवसरों पर सोना खरीदना अब सामान्य परिवारों के लिए कठिन हो गया है। सोने की यह मूल्य वृद्धि पिछले दो दशकों की सबसे अधिक वृद्धि मानी जा रही है।
सोने की कीमतों में यह उछाल लगातार छह महीनों से जारी है। प्रतिदिन के भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव के बावजूद समग्र दिशा ऊपर की ओर ही रही है। जून 2025 में सोने की कीमतों में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि देखी गई है। यह स्थिति निवेशकों के लिए खुशी की बात है लेकिन उपभोक्ताओं के लिए चुनौती बनी हुई है।
ऐतिहासिक तुलना और पिछले रुझान
सोने की कीमतों में यह निरंतर वृद्धि का पैटर्न इतिहास में बहुत कम देखा गया है। एक्सिस सिक्योरिटीज की शोध रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले ऐसी स्थिति मई 2002 में देखी गई थी। पिछले 75 वर्षों के इतिहास में केवल 13 बार ऐसा हुआ है जब सोने की कीमतों में लगातार छह महीने तक वृद्धि देखी गई हो। यह आंकड़ा दिखाता है कि वर्तमान में सोने का बाजार कितनी असामान्य स्थिति में है।
इस ऐतिहासिक संदर्भ में देखें तो सोना हमेशा से ही एक मजबूत निवेश विकल्प रहा है। आर्थिक अनिश्चितता के दौरान लोग सोने की ओर रुख करते हैं। वर्तमान स्थिति भी इसी प्रवृत्ति को दर्शाती है जहां वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश की तलाश में सोने का चुनाव कर रहे हैं।
वैश्विक कारक और राजनीतिक प्रभाव
सोने की कीमतों में वृद्धि के पीछे कई वैश्विक कारक जिम्मेदार हैं। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने भू-राजनीतिक अनिश्चितता को बढ़ाया है। ऐसी स्थितियों में निवेशक अपने पैसे को सुरक्षित स्थानों पर लगाना चाहते हैं और सोना इसके लिए सबसे उपयुक्त विकल्प माना जाता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति भी सोने की कीमतों को प्रभावित कर रही है।
वैश्विक राजनीति में अस्थिरता का प्रभाव सभी वित्तीय बाजारों पर पड़ता है। जब शेयर बाजार में गिरावट आती है तो निवेशक वैकल्पिक निवेश की तलाश करते हैं। सोना इस समय सबसे भरोसेमंद विकल्प के रूप में उभरा है। मुद्रास्फीति की चिंताएं भी सोने की मांग को बढ़ा रही हैं क्योंकि सोना पारंपरिक रूप से मुद्रास्फीति के खिलाफ एक बचाव का काम करता है।
दो दशकों का निवेश प्रदर्शन
पिछले 20 वर्षों में सोने का प्रदर्शन अत्यधिक प्रभावशाली रहा है। वर्ष 2005 में सोने की कीमत लगभग 7,638 रुपये प्रति 10 ग्राम थी जो अब 2025 में एक लाख रुपये को पार कर गई है। यह 1,209 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न है जो किसी भी पारंपरिक निवेश विकल्प से कहीं अधिक है। इसी प्रकार चांदी ने भी पिछले 20 वर्षों में 668.84 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
यह प्रदर्शन दिखाता है कि कीमती धातुओं में निवेश कितना लाभदायक हो सकता है। हालांकि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से देखें तो सोना और चांदी दोनों ही मजबूत रिटर्न देने वाले निवेश विकल्प साबित हुए हैं। यह विशेषकर उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है जो स्थिरता और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।
निवेश की दृष्टि से सोना और चांदी
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान बाजार परिस्थितियों में सोना और चांदी सुरक्षित निवेश के सर्वोत्तम विकल्प हैं। सोने को “सेफ हेवन” कहा जाता है क्योंकि यह आर्थिक संकट के समय में अपना मूल्य बनाए रखता है। चांदी को सोने की पूरक धातु माना जाता है और यह भी अच्छा निवेश विकल्प है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में इन कीमती धातुओं को शामिल करना चाहिए।
विविधीकरण की दृष्टि से भी सोना और चांदी महत्वपूर्ण हैं। जब अन्य निवेश विकल्पों में गिरावट आती है तो ये धातुएं संतुलन बनाने का काम करती हैं। वर्तमान में भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता के कारण इनकी मांग और भी बढ़ गई है।
प्रमुख शहरों में वर्तमान भाव
भारत के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें अलग-अलग हैं। मुंबई में सोना 99,120 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर मिल रहा है। दिल्ली में यह 98,950 रुपये, चेन्नई में 99,410 रुपये और कोलकाता में 98,990 रुपये प्रति 10 ग्राम है। एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर सोने का भाव 99,096 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा है।
यह मूल्य अंतर स्थानीय करों, परिवहन लागत और स्थानीय मांग-आपूर्ति के कारण होता है। खरीदार को सलाह दी जाती है कि वे खरीदारी से पहले अपने शहर के वर्तमान भाव की जांच कर लें। त्योहारी सीजन और शादी-विवाह के समय इन कीमतों में और भी वृद्धि हो सकती है।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। सोने और चांदी की कीमतें बाजार की स्थितियों के अनुसार बदलती रहती हैं। निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना उचित होगा। लेखक या प्रकाशक किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।