1 साल बाद कितना किराया बढ़ा सकता है मकान मालिक, किराएदार जान लें अपने अधिकार tenant rights

By Meera Sharma

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tenant rights: आज के समय में शहरों में रहने वाले अधिकांश लोग किराए के मकानों में निवास करते हैं। किराएदारी की व्यवस्था में अक्सर मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद होते रहते हैं। इन विवादों का मुख्य कारण किराया बढ़ाने, बुनियादी सुविधाओं की कमी और अधिकारों की जानकारी का अभाव होता है। भारत में किराएदारी कानून के माध्यम से दोनों पक्षों के हितों की सुरक्षा के लिए स्पष्ट नियम बनाए गए हैं। इन नियमों की जानकारी रखना हर किराएदार और मकान मालिक के लिए आवश्यक है। यह लेख इन्हीं महत्वपूर्ण कानूनी बिंदुओं पर प्रकाश डालता है।

किराया बढ़ाने की वार्षिक सीमा

भारत में किराया बढ़ाने के संबंध में कई राज्यों में अलग-अलग नियम हैं। महाराष्ट्र राज्य में रेंट कंट्रोल एक्ट 1999 के अनुसार मकान मालिक एक वर्ष में केवल 4 प्रतिशत तक ही किराया बढ़ा सकता है। यह नियम मकान मालिकों की मनमानी को रोकने के लिए बनाया गया है। हालांकि यदि मकान मालिक घर में कोई नई सुविधा जोड़ता है तो वह अधिकतम 25 प्रतिशत तक किराया बढ़ाने का हकदार होता है। यह वृद्धि केवल तभी की जा सकती है जब वास्तव में घर की सुविधाओं में सुधार किया गया हो। अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार के नियम हैं जो स्थानीय कानून के अनुसार निर्धारित होते हैं।

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मकान मालिक द्वारा अनिवार्य सुविधाएं

किराएदारी कानून के तहत मकान मालिक को अपने किराएदार को कुछ बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इनमें बिजली, पानी और शौचालय की व्यवस्था शामिल है। मकान मालिक इन सुविधाओं को देने से मना नहीं कर सकता। यदि रेंट एग्रीमेंट में इन सुविधाओं के लिए अलग से चार्ज लेने की बात लिखी है तो मकान मालिक उसके अनुसार पैसे ले सकता है। लेकिन यह चार्ज भी उचित और निर्धारित सीमा के भीतर होना चाहिए। मकान मालिक एकतरफा इन सुविधाओं को बंद नहीं कर सकता या इनके लिए अनुचित शुल्क नहीं ले सकता।

रेंट एग्रीमेंट की महत्वता और फायदे

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रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 17 के अनुसार रेंट एग्रीमेंट किराएदार और मकान मालिक दोनों के हितों की रक्षा करता है। यह एक कानूनी दस्तावेज है जो दोनों पक्षों के अधिकारों और दायित्वों को स्पष्ट करता है। रेंट एग्रीमेंट के माध्यम से किराएदार को सुरक्षा मिलती है कि मकान मालिक बिना वजह उसे घर से नहीं निकाल सकता। वहीं मकान मालिक को यह भरोसा मिलता है कि किराएदार संपत्ति पर लंबे समय तक कब्जा जमाने का दावा नहीं कर सकता। यह एग्रीमेंट विवादों को कम करने में भी सहायक होता है क्योंकि सभी शर्तें पहले से ही लिखित रूप में मौजूद होती हैं।

11 महीने के रेंट एग्रीमेंट की विशेषताएं

अधिकांश लोग 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट बनवाना पसंद करते हैं क्योंकि इसके कई फायदे हैं। इस प्रकार के एग्रीमेंट को सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में रजिस्टर कराने की आवश्यकता नहीं होती। इसे केवल नोटरी से सत्यापित कराना पर्याप्त होता है जो समय और पैसे दोनों की बचत करता है। 11 महीने के एग्रीमेंट में स्टांप ड्यूटी की दर भी कम होती है। यह एग्रीमेंट आसानी से रद्द भी हो सकता है और दोनों पक्षों के लिए सुविधाजनक होता है। एग्रीमेंट समाप्त होने के बाद मकान मालिक को किराया बढ़ाने का अधिकार मिल जाता है।

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लंबी अवधि के रेंट एग्रीमेंट की प्रक्रिया

यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक एक ही स्थान पर रहना चाहता है तो वह 11 महीने से अधिक अवधि का रेंट एग्रीमेंट भी बनवा सकता है। पांच वर्ष या उससे अधिक के एग्रीमेंट भी संभव हैं। हालांकि ऐसे एग्रीमेंट को सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में रजिस्टर कराना अनिवार्य होता है। इसमें अधिक स्टांप ड्यूटी भी देनी पड़ती है। लंबी अवधि के एग्रीमेंट में किराया बढ़ाने के नियम भी अलग हो सकते हैं जो एग्रीमेंट की शर्तों में स्पष्ट रूप से लिखे जाते हैं। यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो स्थिरता चाहते हैं।

मकान मालिक के निकासी अधिकार

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किसी भी रेंट एग्रीमेंट में मकान मालिक को एक महत्वपूर्ण अधिकार प्राप्त होता है। वह बिना कोई विशेष कारण बताए किराएदार को एक महीने का नोटिस देकर घर से निकाल सकता है। इस स्थिति में किराएदार कोई कानूनी आपत्ति दर्ज नहीं करा सकता। यह नियम मकान मालिकों को अपनी संपत्ति पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद करता है। हालांकि यह अधिकार तभी प्रभावी होता है जब रेंट एग्रीमेंट में यह शर्त स्पष्ट रूप से लिखी हो। किराएदारों को इस नियम की जानकारी रखनी चाहिए और एग्रीमेंट बनवाते समय इस बिंदु पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

Disclaimer

यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। वास्तविक कानूनी सलाह के लिए कृपया योग्य वकील से संपर्क करें। विभिन्न राज्यों में किराएदारी कानून अलग हो सकते हैं।

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Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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